Friday, 19 March 2021

 That, Which is worth saying

  Can't be said 

Friday, 28 August 2015

Transmutation






Put all your beliefs in Disbelief
All your reasoning in Doubt
Creativity in Destruction
Of the Rotten Philosophies .....

Negativity is the new Dawn of Ideas for mankind !!!

#SeminalPhilosophy #VisionOfLife  

Saturday, 25 July 2015

Separation






In a few billion years, When...
The Sun fades away in sepia oblivion

When the world ceases to be...
And all else will have perished.

When there is nothing, but
Dark desolate solitude

And, Silence is the only sound,
Reverberating like a spray of broken glass,
through eternity...

When the moon never wanes,
And shadows are deeper than souls

When the Time never ends....

I think,
In that Time of Ruin...
A Piece of Me will still be...
Lost in time and lost in thought, 
Shattered in oblivion

And, Then...

If the memory of 'YOU'  casts itself in
The desert of my dreams or reverie...

Just a moment of remembrance! Perhaps......

And... 
The Sun would ignite again in its full glory,
The world will start again, with a bang,
Just like my Longing for YOU....

For, Its on the sorrow of our separation, 
This universe floats upon... 



Sunday, 5 July 2015

Bound by Thoughts







एक ख्याल की दूरी पे है तेरा वजूद 
कहते हैं खुदा भी एक ख्याल है !


At a distance of thought is ... 
YOU !
They Say God is Also a thought !!



#God is Love #Love is God and beyond #Its the doorway and the hall

Thursday, 10 April 2014

Limbo





Life Has been..... 
But 

A drift from one Weekend to Another ....

So has been the Existence.... 
a free fall between Limbos 
Into the oblivion through Memories 

Saturday, 16 November 2013

Self Portrait







वो जो आइना था... हॉल के बीचोबीच 
हाँ वोही जो गूंगी शकले बनाता  था.
चाँद को छुपा लेता था अपने सीने में
और रोशन करता था मेरी नज्मों को 
चोरी के नूर  से...



तेरी एक नजर क्या पडी.... तस्वीर बन गया
समेत रक्खे थे ... उसने कई अंदाज़  तेरे
अँधेरे में मेरी रूह  टटोलता था
झूटी तारीफें करता था... मेरी


दीवार से गिर के टूट गया है वो
और सन्नाटे में ठहर गयी है एक चीख
और जो चंद परछाइयाँ  समेत रक्खी थी 
वो दीवोरों की गहराइयों में खो गए हैं

वो तेरा आखिरी कतरा आइना अपने साथ ले गया.


Journey To You !







कुछ ख़ाब उछाले थे,  
बहरे आसमां  की ओर. 
इस तरह बादलों में जा उलझे हैं जैसे...
मिट्टी की शकलों में रूह उलझी हो.

सुना है.... कल रात 
तेरे शहर में बारिश हुई है !




Monday, 11 March 2013

Bridge To The Cross Road




Man is a Crisis !!
Since....
It is born as a Process not as a thing,
It is a bridge between God and Animal...
and Bridges Are meant to cross not to dwell !!

 #Bridge Falling Apart #Seeking Salvation

Thursday, 7 February 2013

Estranged !



तिनका -तिनका ओढ़ के एक शक्ल पहनी है.
झांकता चलता हूँ अजनबी चेहरों में,एक झलक को.

कुछ शक्लों के लिए कोई आइना नहीं बना शायद !

Monday, 4 February 2013

Death of A Poet



कुछ  इस तरह है याद तेरी,
 मेरे दरम्यां...
अमावास का चाँद दबा हो जैसे, 
काले आसमां के सीने में.
पता है यहीं है कहीं , 
पर कोई खबर नहीं आती उस ज़ानिब से.

बस एक ख्याल , एक एहसास ....

कल चौदवीं की रात थी  -
सुना है कल रात....
एक शायर की मौत हुई है !

Saturday, 2 February 2013

Hey You !





कितने ख्वाब पिलाये , 
कितने नज़्मों की बारिश की .
अकेला ही दिखता है फिर भी...  
बाँझ होगा  ये चाँद .

सुना है ग्रेविटी  कम है बहुत !

You and Me






थोडा और  पकाओ  वक़्त से , 
थोड़ी और चोटें करो कल्पना की .
उतर आएगा चाँद भी .
नहीं तो, खाबों की शक्ल भी क्या कम रूमानी है !

Monday, 28 January 2013

The Lost Tide









दूर समंदर के खींचें  में उठी लहर
बेज़ार , गुमशुदा और तनहा है बहुत

लगता है.... ये रूह भीगोयेगी !

The Deep Water






कुछ नज़्म  फेंकें थे मैंने ,  काले तालाब  में .
सुना है एक तूफां आया है .

साहिल पे पड़ी वो जर्जर कश्ती डूब गयी है .... तुझमें !

Tuesday, 27 November 2012

The Last Rain!




वो  सिलसिला , तुम्हारे आने जाने का 
   थम गया था उस बारिश के बाद 
उस शाम जब छोड़कर गए थे तुम 
                                ये  मकाँ
हवा नम  थी , सबकुछ भारी सा था 
 शायद तुम्हारे क़दमों की आहट भी. 


तभी तो , गहरे निशां  पड़े थे  
       पैरों के,लॉन  की जमीन पर....... 
बारिश का मटमैला पानी जमा हो गया था उन गड्ढो में 
रिसता हुआ उतर गया है ....
रूह की घाटियों से लेकर आँखों के छितिज तक.


सब कुछ बर्बाद हुआ है इस तलक!
शर्ट की बायीं जेब में ,
 एक तस्वीर जो छुपा रखी थी...
     तुम्हारी नजरो से ,
बीते वक़्त के साथ उसमे सीलन लग चली है.


वो गड्ढे आज भी नजर आते हैं आँखों में 
सहेज रखा है तेरी यादों की तरह 
धुंधली! धब्बेदार! 
गोया चाँद हो मेरी रातों का....


मुद्दतें गुजरीं, 
ना तुम आये न बारिश 
पर नमीं गयी नहीं ,शायद!! , उन गड्ढों से 
और वो शाम जवां न हो पाई फिर 
इंतज़ार था उसे भी शायद किसी का...... 

 मेरी तरह !!