Saturday, 16 November 2013

Journey To You !







कुछ ख़ाब उछाले थे,  
बहरे आसमां  की ओर. 
इस तरह बादलों में जा उलझे हैं जैसे...
मिट्टी की शकलों में रूह उलझी हो.

सुना है.... कल रात 
तेरे शहर में बारिश हुई है !




1 comment:

  1. "behra aasma" , "mitti ki shaklon me uljhi rooh" ...behtareen abhiwyakti!

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